Aadhunik Bharat Ka Itihaas
- 1st ed.
- New Delhi Atlantic 2005
- 470
मनुष्य के जीवन के विकास का अध्ययन ही इतिहास का सार है, अतः इसकी उपयोगिता विवादरहित है। विगत सफलताओं-असफलताओं के आलोक में वर्तमान को समझना और भविष्य को संवारना ही इतिहास का ध्येय है। इसीलिए मानव के राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक विकास की गति और इसकी रूपरेखा इतिहास के निरूपण में समाविष्ट होती है। रोचक और सुबोध शैली में लिखित आधुनिक भारत का इतिहास में आधुनिक भारत के सभी पहलुओं का गहन, विस्तृत एवं आलोचनात्मक विवेचन किया गया है। इस विषय पर उपलब्ध महत्वपूर्ण ग्रन्थों का समुचित उपयोग करते हुए इतिहास से सम्बन्धित आवश्यक सामग्री को एक युक्तिसंगत तरीके से प्रस्तुत करने का यह एक सफल प्रयास है। प्रस्तुत पुस्तक में मध्यकालीन मुगल साम्राज्य के पतन से लेकर भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति तक के इतिहास का क्रमबद्ध विवरण निम्न शीर्षक के अन्तर्गत दिया गया हैः मुगल साम्राज्य का पतन; पेशवाओं के अधीन मराठे; साम्राज्य के लिए संघर्ष; अंग्रेजी राज्य का पहला चरण; मैसूर राज्य; सिक्ख राज्य एवं महाराजा रणजीत सिंह; कम्पनी शासन के अन्तर्गत कृषि एवं भू-राजस्व व्यवस्था; आन्दोलन, विप्लव एवं विद्रोह (1757-1856); 1857 का विद्रोह; अंग्रेजी राज्य का दूसरा चरण; जनाधारित इतिहास; सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन; भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलनः स्वतंत्रता संग्राम; क्रान्तिकारी आन्दोलन; व्यापारिक, श्रमिक, किसान एवं वामपंथी आन्दोलन; संवैधानिक विकास; भारतीय गणतंत्र कार्यों के लिए यह पुस्तक अत्यन्त उपयोगी साबित होगी।