Bharatiya sangeet kosh / भारतीय संगीत कोश
- New Delhi Vani Prakashan 2010
- 512 Pp
‘भारतीय संगीत कोश’ श्री विमलाकान्त रायचौधुरी के दीर्घ सांगीतिक जीवन का सुफल है। शास्त्रीय संगीत विषयक इस प्रकार का कोशाभिधान भारतीय भाषा में सम्भवतः सर्वप्रथम है। यह ऐसा एक ग्रन्थ है जो स्वयं सम्पूर्ण है और जो केवल संगीत-शिक्षार्थियों के लिए नहीं, बल्कि संगीतज्ञों के लिए अपरिहार्य है। उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत की सभी परिभाषाओं का संज्ञार्थ निर्देश और विवरण वर्णानुक्रमानुसार दिया गया है। लेखक ने विभिन्न विचारणीय विषयों पर अपनी युक्तिसम्मत मननशीलता द्वारा विज्ञानसम्मत ढंग से प्रकाश डालने की चेष्टा की है। आलाप और श्रुति सम्बन्धित आलोचना, विभिन्न तालों और वाद्यों का परिचय, प्रायोजन के अनुसार पाश्चात्य संगीत के साथ भारतीय संगीत की तुलनात्मक आलोचना आदि असंख्य विषय इस ग्रन्थ को समृद्ध करते हैं।