Lata: sur gatha / लता: सुर-गाथा
- New Delhi Vani Prakashan 2016
- 639 Pp
लता जी से जुड़ी हर बात और अप्रतिम तस्वीरें इस किताब में मौजूद हैं. उनके बचपन, उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि से लेकर उनकी गायन यात्रा सिलसिलेवार है. इसके बाद का हिस्सा सवाल और जवाबों का है. लेखक यतीन्द्र मिश्र ने ऐसा कोई सवाल नहीं छोड़ा है, जो आपकी ज़हन में उठ सकता है. लता जी की ज़िंदगी, गायकी, शौक़, परिवार, प्रतिद्वंद्विता, साल दर साल गायकी में आए बदलाव, संगीतकार, फ़िल्मकार और मौजूदा दौर की बातें... आदि. सवाल और जवाबों को पढ़ते हुए हर क़दम पर लगता है कि आप उस महान शख़्स के क़रीब आते जा रहे हैं. शब्दों के छाया-चित्रों के ज़रिए आपका उनसे एक अद्भुत नाता-सा जुड़ने लगता है. कला की दुनिया, हिंदी फ़िल्मों की दुनिया, गायकों और संगीतकारों की दुनिया के अंदर झांकते हुए आपको कई नई-पुरानी दास्तानें याद आ जाती हैं. किताब में कई ऐसी बातें और क़िस्से हैं, जो लता जी की ज़िंदगी के अनछुए पहलुओं को बारीक़ी से खोलते हैं.