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020 _a978-93-5072-651-8
040 _cVani Prakashan
041 _aHindi
082 _a891.43009 G181 S
_b301704
100 _aMukesh Garg Ed.
245 _aSahitya aur sangeet - 2 / साहित्य और संगीत - २
260 _aNew Delhi
_bVani Prakashan
_c2014
300 _a152 Pp
521 _aसाहित्य और संगीत का आपसी रिश्ता सभी कलाओं में सबसे आत्मीय है। साहित्य और संगीत के कितने रूप मिलते हैं, कब और कैसे उन्होंने एक-दूसरे को पुष्ट किया या प्रभावित किया, आपसी रिश्ते में कब और कैसे क्षीणता आयी, इत्यादि सवाल गहरे है. दोनों विषयों को एकत्र देखने की लम्बे समय से जरूरत बनी हुई थी। इस ग्रन्थ ने इस आवश्यकता की पूर्ति का गंभीर प्रयास किया है. दोनों कलाओं के अंतरानुशासनिक अध्ययन को इससे निश्चय ही बल मिलेगा।
942 _2ddc
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