Sahitya aur sangeet - 2 / साहित्य और संगीत - २
Mukesh Garg Ed.
Sahitya aur sangeet - 2 / साहित्य और संगीत - २ - New Delhi Vani Prakashan 2014 - 152 Pp
साहित्य और संगीत का आपसी रिश्ता सभी कलाओं में सबसे आत्मीय है। साहित्य और संगीत के कितने रूप मिलते हैं, कब और कैसे उन्होंने एक-दूसरे को पुष्ट किया या प्रभावित किया, आपसी रिश्ते में कब और कैसे क्षीणता आयी, इत्यादि सवाल गहरे है. दोनों विषयों को एकत्र देखने की लम्बे समय से जरूरत बनी हुई थी। इस ग्रन्थ ने इस आवश्यकता की पूर्ति का गंभीर प्रयास किया है. दोनों कलाओं के अंतरानुशासनिक अध्ययन को इससे निश्चय ही बल मिलेगा।
978-93-5072-651-8
891.43009 G181 S / 301704
Sahitya aur sangeet - 2 / साहित्य और संगीत - २ - New Delhi Vani Prakashan 2014 - 152 Pp
साहित्य और संगीत का आपसी रिश्ता सभी कलाओं में सबसे आत्मीय है। साहित्य और संगीत के कितने रूप मिलते हैं, कब और कैसे उन्होंने एक-दूसरे को पुष्ट किया या प्रभावित किया, आपसी रिश्ते में कब और कैसे क्षीणता आयी, इत्यादि सवाल गहरे है. दोनों विषयों को एकत्र देखने की लम्बे समय से जरूरत बनी हुई थी। इस ग्रन्थ ने इस आवश्यकता की पूर्ति का गंभीर प्रयास किया है. दोनों कलाओं के अंतरानुशासनिक अध्ययन को इससे निश्चय ही बल मिलेगा।
978-93-5072-651-8
891.43009 G181 S / 301704